आंतरिक बल 727

-बच्चों के प्रति व्यवहार में आदर का भाव रखें

-आप के परिवार का भविष्य क्या होगा तथा देश का भविष्य क्या होगा ?

-ये दो सवाल सभी के मस्तिष्क में रहते है ।

– जितना आप का अपने बच्चों के प्रति सम्मान का भाव होगा और व्यवहार होगा उतना ही आप के परिवार का भविष्य महान होगा ।

-जितना विश्व के बच्चों के प्रति आप के मन में सम्मान का भाव होगा और व्यवहार होगा उतना ही विश्व श्रेष्ट होगा ।

-बच्चे विश्व की इकाई है । इसलिए इकाई जब श्रेष्ट होगी तो बाकी सब ठीक ही होगा ।

-बीज ठीक है तो पेड़ भी बहुत अच्छ फले फूलेगा ।

-विश्व के प्रत्येक बच्चे की कुछ मूल आवश्कताएं होती है जो कभी नहीं बदलती ।

-प्रत्येक बच्चा अच्छा महसूस करना चाहता है ।

– अगर बच्चा अपने बारे अच्छा महसूस नहीं करता तो लोगो की छोटी छोटी बाते भी उन्हे अच्छी नहीं लगेगी ।

-लोगो की छोटी छोटी टिप्णियों को सजा के रूप में लेगा और वह गुस्से में जवाब दें सकता है ।

-अच्छा महसूस करने को आत्म स्तुति, आत्म प्रेम’, आत्म उल्लास, आत्म गौरव या कोई अन्य नाम दें सकते है ।

-यह अच्छेपन का भाव बच्चे के विकास और व्यक्तित्व पर गंभीर प्रभाव डालता है ।

-बच्चों में यह भाव आसानी से विकसित नहीं होता

-बच्चों के प्रदर्शन और जीवन में सुधार के लिये अभिभावक अक्सर बोलते रहते है ।

-तुम किसी काम के नहीं हो ।

-तुम्हे बनाते वक्त भगवान तुम्हे दिमाग देना चूक गया था ।

-हाकी के बारे भूल जाओ वह तुम्हारे बस का खेल नहीं ।

-तुम्हारा कुत्ता तुम्हारे से ज्यादा समझदार है ।

-तुम बहुत शैतान हो ।

-मां या बाप और स्कूल में टीचर्स के इन कथनों को बच्चा सच मान लेता है और वह जीवन में कुछ नहीं कर सकता ।

-मां बाप बच्चों से प्यार तो बहुत करते है परन्तु अनजाने में उनके प्रति बोलते व सोचते उल्टा है ।

-आप बच्चे को जैसा कहेगे वह वैसा ही हो जाएगा ।

-बच्चा वैसा ही हो जाता है जैसे उसे दर्शाया जाता है ।

-यदि बच्चे से कहा जाए तुम बुरे बच्चे हो तो वह इस पर विश्वास करके वैसा ही करने लगेगा ।

-यदि उसे कहा जाए तुम तेज दिमाग और समस्या सुलझाने की क्षमता रखते हो तो वह खुद को समस्या सुलझने वाला मान कर अपने मस्तिष्क का रचनात्मक उपयोग करने लगेगा ।

-शिव बाबा या इष्ट को याद करते हुए मन में कहते रहा करो मेरे बच्चे जैसे विश्व के सभी बच्चे बुद्विवान है । इस से आप का बच्चा तीव्रता से बुद्विवान बनेगा क्योकि दूसरे बच्चों की दुआए भी मिलेगी । तथा आप की मानसिक तरंगे विश्व के ब्क्चौ को भी प्रेरणा देंगे ।

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *