आंतरिक बल -723

-इमोशनल अत्याचार और व्यवहार

-किसी व्यक्ति अथवा प्राणी पर निर्दयतापूर्वक किए गये उत्पीड़न के व्यवहार को अत्याचार कहते हैँ ।

– संस्था में या घर के लोग कहे क़ि आप कोई भी काम सही नहीं करते हो, ऐसा लगता है कि तुम्हारे पास दिमाग है ही नहीं ।

-तुम्हारा मलिक अगर कहता है क़ि आप को केवल काम बिगाड़ना आता है और कुछ आता-जाता नहीं है ।

-तुमहारा जीवन साथी कहता है आप को जीने का तरीका भी नहीं आता।

-जिस से आप प्यार करते हैँ अगर वह कुछ ऐसी बातें कहता है जिनको सुनकर आप मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाते हैं तो ऐसे व्यवहार को इमोशनल एब्यूज या भावनात्मक र्दुव्यवहार कहते हैं।

-इमोशनल एब्यूज अर्थात भावनात्मक र्दुव्यवहार किसी को मानसिक रूप से पीड़ा पहुंचाता है।

-यह किसी भी व्यक्ति को अंदर तक तोड़ देता है।

-शारीरिक घाव तो समय के साथ हल्के हो जाते हैं। लेकिन भावनात्मक अत्याचार अधिक गहरा प्रभाव छोड़ता है। यह किसी व्यक्ति को मानसिक तौर पर अवसाद की अवस्था में तो लाता ही है, साथ ही उसके विश्वास को चकनाचूर भी कर देता है।

– अकसर अनजाने में ही लोग एक दूसरे से भावनात्मक अत्याचार कर रहे है ।

-लगातार भावनात्मक र्दुव्यवहार से व्यक्ति की सोच-समझ, आत्मसम्मान, आत्मज्ञान पर असर पड़ता है।

-हर बात पर सवाल खड़ा करना, हर बात को झूठा साबित करना,ताने मारना, दूसरे के व्यक्तित्व को समाप्त करने की कोशिश करना, अपनी बातों को हावी कर देने का प्रभाव व्यक्ति की सोच पर पड़ता है।

-वह हमेशा हीन-भावना में रहता है और खुद को दूसरों से कमतर आंकने लगता है। किसी भी कार्य को करते वक्त वह अमूमन असमंजस की स्थिति में रहता है।

– पति ऑफिस से लौटने पर कहते हैं कि तुम्हारे पास काम ही क्या है, सिर्फ घर में बैठी रहती हो। बस केवल खाना बना लेती हो।

– सास भी तपाक से बोलेगी इसे कुछ काम तो करना आता नहीं है। अपने पति द्वारा इस तरह की बातें मानसिक रूप से प्रताडि़त करती है।

-जहां कहीं भी रहो प्राय बड़े छोटों को ऐसे कहते रहते है । जिस से छोटों का मनोबल टूट जाता है । मन में दुखी रहते है ।

-यदि कोई आपको दबाने की कोशिश करता है, तो ऐसी स्थिति में स्वयं को कमजोर मत समझें। अपने पर भरोसा रखें।

– प्यार और विश्वास से ऐसा जवाब दें कि उसे लगे कि वाकई में बहुत लायक है ।

-‘अपनी कम्यूनिकेशन स्किल बढ़ाए आपको अपनी बातों को आत्मविश्वास के साथ सटीक शब्दों में प्रस्तुत करना आना चाहिये ।

-किसी को हावी न होने दें। किसी भी व्यक्ति के सामने इतना ही झुकें जितनी जरू रत है।

-अपनी शिक्षा का स्तर बढ़ाए । जितनी ज़्यादा योग्यता होगी उतना लोग सम्मान करेगे ।

-जिस से भी आप मिलते है उसे मन में कहते रहा करो आप श्रेष्ट है, महान है । यही तो हर व्यक्ति सुनना चाहता है । जब आप ऐसा नहीं करेगे तो वह इमोशनल अत्याचार करेगे ही ।

-शिव बाबा या इष्ट को याद करते रहने से आप से ऐसी तरंगे निकलती है जो सभी लोग आप से श्रेष्ट व्यवहार करेगे ।

-सारा संसार भगवान की आज्ञा से चलता है । उसका कहना सब मानते है । इसलिए उठते बैठते उसे याद करते रहना . चाहिये ।

BK Milakh Raj Sandha 9896348516

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *