आंतरिक बल 725

-ऑफीस और व्यवहार

-आफिस में हर बात पर उलझना ठीक नहीं ।

-कुछ बाते आप को बुरी लग सकती है ।

-उन्हे लेकर बेवजह लड़े झगड़े नहीं ।

-कुछ बातो को एक कान से सुन दूसरे से बाहर निकाल दें ।

-अपना व्यवहार सीमित और मर्यादित रखें ।

-सहकर्मियों पर व्यंग्य न कसे । भद्दे मजाक न करें ।

-अपने बॉस व सहकर्मियों की बुराई न करें ।

-हमेशा याद रखें कुछ कमिया आप में भी होती है ।

-विवादो से दूर रहे और किसी के बारे कुछ भी कहने से पहले ये सोच ले क़ि आप की कहीं बात को बढ़ा चढ़ा कर भी बताया जा सकता है ।

-कई बार विपरीत लिंग के लोग ऐसा वैसा कमेंट कर देते है । इन मामलो को बेवजह तूल न दें और शांति से बात करके तुरंत खत्म करें ।

-कुछ लोग आगे बढ़ने के लिये बास से दूसरे सहकर्मियों की झूठी चुगली करते है । ऐसा करने वालो की कोई कदर नहीं करता और फिर एक दिन अन्य कर्मचारी भी मिल कर उसके खिलाफ साजिश रचते है ।

-बेवजह दूसरो की टांग खीचने वाला एक दिन खुद गिरता है ।

-सिर्फ अपने काम से काम रखें, कौन क्या कर रहा है, इस से आप का कोई मतलब नहीं ।

-जब तक आप से राय न मांगी जाए, अपनी तरफ से कोई राय मत दो और न ही बेवजह किसी के काम में टांग आड़ेय ।

-जानबूझ कर कोई गलत कार्य नहीं करना । अनजाने में कोई भूल हो जाती है तो वह माफ कर दी जाएगी ।

-कई बार दो बॉस के बीच फंस जाते है ।

-आप के सामने छोटा बास बड़े बास की निंदा करेगा और बड़ा बॉस छोटे की निंदा करेगा । आप ने उनकी बात एक दूसरे को नहीं बतानी । अगर ऐसा करेगे तो आप मुसीबत में फंस सकते है ।

-किसी कारण से बास या अन्य कर्मचारी नाराज हो जाते है ।

-ऐसी दशा में कल्पना में कर्मचारी व बॉस को देखें और बीच में शिव बाबा या इष्ट को देखते हुए शिव बाबा के गुण गाते रहें आप प्यार के सागर है ।

-आप से ऐसी तरंगे निकलेगी जिस से बॉस की नाराजगी दूर हो जाएगी ।

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *